संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Ashtak With Lyrics | HARI OM SHARAN | Hanuman Chalisa

Details
Title | संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Ashtak With Lyrics | HARI OM SHARAN | Hanuman Chalisa |
Author | T-Series Bhakti Sagar |
Duration | 7:08 |
File Format | MP3 / MP4 |
Original URL | https://youtube.com/watch?v=P7q-23YY4sU |
Description
श्री हनुमान जी की पूजा आराधना में संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है।🪔🪔किसी भी प्रकार का कैसा भी भीषण संकट हो संकटमोचन हनुमान अष्टक का पठन या श्रवण अत्यंत प्रभावकारी होता है। उस व्यक्ति पर हनुमान जी कृपा बनी रहती है ,उनके आशीर्वाद से हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं | https://youtu.be/P7q-23YY4sU🪔🪔 🙏
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Hanuman Bhajan: Sankat Mochan Hanuman Ashtak
Singer: Hari Om Sharan
Music Director: Hari Om Sharan
Lyrics: Traditional
Album: Shree Hanuman Chalisa (Jai Shree Hanuman)
Music Label: T-Series
॥ हनुमानाष्टक ॥
बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥
रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥
बान लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥
रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥
बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥
काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥
श्री हनुमान चालीसा Shree Hanuman Chalisa, बजरंग बाण, Bajrang Baan, श्री हनुमान आरती, Shree Hanuman Aarti (Aarti Keejei Hanuman Lala Ki): https://www.youtube.com/watch?v=6eDVrwJH-UQ
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