Sham Se Aankh Mai Nami Si Hai - Jagjit Singh

Details
Title | Sham Se Aankh Mai Nami Si Hai - Jagjit Singh |
Author | Sukoon - Gazals |
Duration | 4:48 |
File Format | MP3 / MP4 |
Original URL | https://youtube.com/watch?v=IWXw4SO0VJM |
Description
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
इस की आदत भी आदमी सी है
कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तस्लीम लाज़मी सी है
(तस्लीम = सलाम, प्रणाम, हामी), (लाज़मी = आवश्यक, अनिवार्य, ज़रूरी)
-गुलज़ार